स्टार्ट-अप बिज़नेस लोन
जब से वर्ष 2015 में, स्टार्टअप इंडिया अभियान का ऐलान किया गया था तब से नए मध्यम व्यवसायों (MSMEs) की संख्या बढ़ रही है। इस अभियान का उद्देश्य स्टार्ट-अप के लिए आर्थिक मदद को बढ़ावा देना है। इस अभियान ने स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित किया है, जो अधिक रोज़गार सृजन को बढ़ावा देगा और राष्ट्र की आर्थिक ग्रोथ में मदद करेगा
स्टार्ट-आप बिज़नेस लोन के प्रकार
1. मुद्रा लोन स्कीम
मुद्रा योजना भारत के युवाओं में सबसे लोकप्रिय योजना है। माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (MUDRA) लोन योजना सरकार द्वारा छोटे और मध्यम व्यवसाय के लिए शुरू की गई योजना है जिसमें शिशु, किशोर और तरुण नाम के 3 प्रकार के लोन दिए जाते हैं। मुद्रा योजना के तहत आवेदक शिशु श्रेणी में 50,000 रु. तक का लोन ले सकते हैं, जबकि किशोर में 5 लाख रु. तक और तरूण में ये सीमा 10 लाख रु. तक है।
2. CGTMSE योजना
माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE) के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट एक और सरकारी पहल है जो बैंकों और NBFC जैसे वित्तीय संस्थानों के माध्यम से छोटे और मध्यम व्यवसाय को फंड देता है।इस योजना ने पहली बार उद्यमियों और स्टार्टअप
उद्यमों को बड़े पैमाने पर लाभ पहुँचाया है। CGTMSE योजना के तहत लोन के लिए कोई सिक्योरिटी/ गारंटी देने की ज़रूरत नहीं है।
3. इक्विपमेंट फाइनेंस
इस योजना के तहत व्यवसाय के लिए उपकरण/ मशीनरी खरीदने के लिए लोन दिया जाता है। लोन लेने के लिए खरीदे जाने वाले उपकरण/ मशीनरी को बैंक के पास सिक्योरिटी/ गारंटी के रूप रखा जाता है। क्योंकि लोन सिक्योरिटी के बदले लोन दिया जा रहा है इसलिए लोन की ब्याज दर भी कम होती है।
4. बिज़नेस किस्त लोन
बिज़नस किस्त लोन कई प्रमुख बैंकों जैसे स्टैंडर्ड चार्टर्ड और ICICI बैंक द्वारा दिया जाता है। ये लोन बिज़नस में तत्काल नकदी की ज़रूरत और बिज़नस के विस्तार के लिए लिया जा सकता है। यह मोटे तौर पर पर्सनल लोन की श्रेणी में आता है, क्योंकि ये एक असुरक्षित लोन है। हालांकि, बैंक कम ब्याज दरों पर इस लोन को सुरक्षित रखता है।
5. SIDBI द्वारा इक्विटी सहायता योजना और विकास के लिए पूंजी
उद्यमी अब बैंकों से अपने स्टार्ट अप के लिए इस विशिष्ट प्रकार के लोन का लाभ उठा सकते हैं। कई बैंक और वित्तीय संस्थान लोन योजनाएं देते हैं, जो विशेष रूप से स्टार्टअप और उनकी विशेष ज़रूरतों को पूरा करने के लि बनाई गई हैं। अलग-अलग बैंक इन स्टार्टअप बिज़नस लोन के लिए अलग-अलग नाम से लोन देते हैं। उदाहरण के लिए, SIDBI बैंक “ग्रोथ कैपिटल एंड इक्विटी असिस्टेंस” योजना नाम से लोन देता है, जिनका इस्तेमाल व्यापार विस्तार, मशीनरी खरीदने, कच्चा माल खरीदने, मार्केटिंग, ब्रांड बिल्डिंग, डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क का निर्माण, आर एंड डी, सॉफ्टवेयर खरीद आदि जैसे उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। कई अन्य बैंक स्टार्टअप के लिए धन उपलब्ध कराते हैं।
बैंको से स्टार्ट-अप बिज़नेस लोन लेने के लाभ
स्टार्ट-अप के लिए बैंकों से बिज़नेस लोन लेना अन्य वित्तीय संस्थानों से लोन लेने की तुलना में ज़्यादा फायदेमंद हो सकता है। स्टार्ट-अप व्यवसाय के लाभ निम्नलिखित हैं:
नए बिज़नस को 3 साल के लिए टैक्स से राहत दी जाती है
निवेशकों से फण्ड लेना स्टार्ट-अप के लिए काफी महंगा होते हैं, क्योंकि उन्हें निवेशकों उनके निवेश पर 5 से 10 गुना रिटर्न देना पड़ता है। इसकी तुलना में बैंक लोन की ब्याज दर कम होती है
बैंकों के पास जाना आसान है। भारत में बहुत सारे बैंक उपलब्ध हैं
व्यवसाय को लोन देने के लिए बैंकों के पास एक स्थापित फ्रेमवर्क है। वहीं, निवेशकों से फण्ड लेने की प्रकिर्या अधिक जटिल है
इसका एक अन्य महत्वपूर्ण लाभ यह है कि व्यवसाय का लाभ (साथ ही नुकसान) केवल लोन लेने वाले ग्राहक का है।आवेदक अपने व्यवसायों के लाभ और नुकसान को लेकर बैंक के प्रति जवाबदेह नहीं हैं
स्टार्ट-अप बिज़नेस लोन के लिए योग्यता शर्तें
फर्म के पास एक बिज़नस प्लान होना चाहिए
स्टार्टअप एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी या लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फॉर्म के रूप में होना चाहिए
फर्म का कुल कारोबार 25 करोड़ रु. से अधिक नहीं होना चाहिए
कंपनी के पास औद्योगिक नीति और प्रमोशन विभाग (DIPP) से मंज़ूरी होनी चाहिए
स्टार्ट अप को भारतीय पेटेंट और ट्रेडमार्क कार्यालय से संरक्षक गारंटी मिलनी चाहिए
स्टार्ट-अप व्यवसाय और उद्यमियों के बारे में बैंकों को क्या जानना चाहिए?
उद्यमियों को अपने बैंकरों या आर्थिक सलाहकारों के साथ सलह-मशवरा करना, तभी बैंक आवश्यक जानकारी और
व्यवसाय को उचित सलाह देने में सक्षम हो पाएंगे। बैंकों को आवेदन व्यवसायों के बारे में ये जानकारी होनी चाहिए, जैसे व्यवसाय की देनदारियां, व्यवसाय के मालिक ने कहीं संपत्ति गिरवी तो नहीं रखी हुई है आदि क्योंकि ये सब पता ना होने की स्तिथि में आगे चलकर कठिनाइयाँ आ सकती हैं। बैंकों को आवेदक का परिचय पत्र, आवेदक की प्रोफ़ाइल और व्यवसाय प्रोफ़ाइल, व्यवसाय के विवरण, बैंक और अन्य संदर्भों और कंपनी ऑनरशिप और रजिस्ट्रेशन के प्रमाण जैसी चीजों की आवश्यकता हो सकती है।
संबंधित सवाल
प्रश्न. स्टार्ट-अप बिज़नस लोन का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: स्टार्ट-अप बिज़नस लोन मूल रूप से एक व्यवसाय के पैसे की ज़रूरत को पूरा करता है जिसे आप शुरू करना चाहते हैं। स्टार्ट-अप कुछ भी हो सकता है और इसके लिए एक लोन केवल आपके व्यवसाय को शुरू में बढ़ावा देगा, जिससे आपके स्टार्ट-अप को आवश्यक मशीनरी और उपकरण मिलेंगे।
प्रश्न. भारत में सरकार द्वारा शुरू किए गए बिज़नस लोन कौन से हैं?
उत्तर: भारत में कुछ सरकार आधारित स्टार्ट-अप बिज़नस लोन हैं:
CGTMSE योजना
मुद्रा योजना
बैंक क्रेडिट सुविधा योजना
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD)
प्रश्न. सरकार आधारित स्टार्ट-अप बिज़नस लोन के लिए क्या योग्यता शर्तें हैं?
उत्तर: स्टार्ट-अप बिज़नस लोन के लिए आवेदन करने के लिए निम्नलिखित आवश्यकताएँ पूरी होनी चाहिए:
आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए
कम ब्याज दर लोन लेने के लिए क्रेडिट स्कोर 750 से ज़्यादा होना चाहिए
मान्य और प्रामाणिक दस्तावेज जमा करने होंगे
प्रश्न. बिज़नेस स्टार्टअप लोन के माध्यम से कितनी राशि मिल सकती है?
उत्तर: न्यूनतम और अधिकतम लोन राशि आपके द्वारा चुने गएबैंक/ NBFC और आपके पास आवश्यक आवश्यकता
पर निर्भर करती है। न्यूनतम लोन राशि 50,000 रु. से शुरू हो सकती है और अधिकतम लोन राशि को बैंक/ NBFC
के नियमों और शर्तों के अनुसार तय किया जा सकता है।
प्रश्न. स्टार्टअप बिज़नेस लोन के लिए आवेदन करने से पहले किन चीजों की तुलना करें?
उत्तर: स्टार्ट-अप बिज़नेस लोन के लिए आवेदन करने से पहले ध्यान में रखने वाली कुछ चीज़ों में ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, सर्विस शुल्क, दंड शुल्क, पूर्व भुगतान या फौजदारी शुल्क आदि शामिल हैं।
प्रश्न. क्या बिना कोई सिक्योरिटी/ गारंटी बैंक को दिए स्टार्ट-अप को लोन मिल सकता है?
उत्तर: कुछ बिज़नस लोन योजनाएं हैं जो सिक्योरिटी/ गारंटी के बिना भी लोन देती है। मुद्रा और CGTMSE ऐसी बिज़नस लोन योजनाएं हैं जिनके लिए किसी तरह की सिक्योरिटी/ गारंटी देने की ज़रूरत नहीं है।
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