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बेबी सिटिंग का व्यापार कैसे शुरू करें | Babysitting Day Care Business in hindi

    बेबी सिटिंग का व्यापार कैसे शुरू करें | Babysitting Day Care Business in hindi

    घर बैठे क्रेच या बेबी सिटिंग का व्यापार खोलकर अच्छी कमाई करें या कैसे शुरू करें (How to Start Creche or Day Care or Baby sitting business ideas plan at home, license in hindi)

    आजकल के महंगाई के ज़माने मे जहाँ पति पत्नी को कमाना ज़रूरी हो गया है,वही वो अपने घर पे ध्यान नही दे पाते और दिक्कत तो तब आती है जब अगर एक बच्चा हो तो नौकरी करना बहुत मुश्किल हो जाता है, क्योंकि आप बच्चे को तो अपने ऑफिस तो ले नही जा सकते है। बच्चे को अकेले घर मे छोड़ा भी नही जा सकता है क्योंकि बच्चो की देखरेख और सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण और चिंता वाला मुद्दा है।

    बेबी सिटिंग का व्यापार कैसे शुरू करें | Babysitting Day Care Business in hindi


    हर माँ बाप की इच्छा है कि वो जब अपने बच्चे से दूर रहे तो कोई ऐसा हो जो उनके बच्चे की देखभाल , सुरक्षा और घर के जैसा माहौल देने की पूरी जिम्मेदारी ले।


    ऐसे मे यदि कोई उन्हें ऐसा विकल्प दिखाई देता है जहाँ वे अपने बच्चे को छोड़ सकें तो ये बहुत ही अच्छी बात होती है। तो आइए आज हम एक ऐसे व्यापार के बारे मे बात करते है जो इसी काम से जुड़ा हुआ है। जी हाँ ! हम बात कर रहे है “बेबी सिटिंग ” से जुड़े व्यापार की।


    अगर आपको बच्चों के बीच रहना पसंद है और आप उन्हे संभाल सकते है, तो यह आपके लिए बहुत ही कम इनवेस्टमेंट में आसानी से शुरू किया जा सकने वाला व्यापार होगा. यह घर बैठे महिलाओं और गृहिणियों के रोजगार के लिए भी बहुत अच्छा विकल्प है. अगर आप इस व्यापार को शुरू करने के बारे में सोच रहे है और इसके संबंध में जानकारी चाहते है, तो आपकी जिज्ञासाओं को हमने अपने आर्टिकल द्वारा कुछ हद तक हल करने कि कोशिश की है, जो कि आपको इस व्यापार को समझने में मदद करेगी.



    बेबी केयर सेंटर खोलकर पैसे कैसे कमाएं? (Baby Care Center Business Plan)

    घर बैठे क्रेच खोलकर अच्छी कमाई करें

    ऐसे बहुत से तरीके हैं जिनसे आप घर बैठे क्रेच खोलकर अच्छी कमाई कर सकती हैं। जैसे कि: -


    • आप अपने घर से ही बेबी केयर सेंटर खोलकर एक छोटे स्तर पर अपने व्यापार की शुरुआत कर सकती हैं। इसमें आपको यह सुविधा रहेगी कि शुरुआत में ही आपको एक जगह नहीं ढूंढनी पड़ेगी और आपको उस जगह के लिए किराया देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

    • अगर आप एक बड़े स्तर पर बेबी केयर सेंटर खोलना चाहती हैं तो आप उसके साथ-साथ प्रीस्कूल की व्यवस्था भी कर सकती हैं। प्रीस्कूल के माध्यम से आप बच्चों की देखभाल के साथ-साथ उन्हें शिक्षा भी प्रदान कर सकती हैं। ऐसे में आप बेबी केयर सेंटर की मदद से प्रीस्कूल से आने वाली कमाई का लाभ भी उठा सकती हैं।

    • शुरुआत में आप दो या तीन बच्चों की देखभाल की ज़िम्मेदारी ले सकती हैं।

    • क्रेच में बच्चों की देखभाल के साथ-साथ आप और भी कमाई के अवसर जोड़ सकती हैं जैसे कि बच्चों के खिलौनों को खुदरा मूल्य पर भी बेच सकती हैं और अच्छी कमाई कर सकती हैं।

    • अगर आपका खुद का एक छोटा बच्चा है तो आप अपने बेबी केयर सेंटर के माध्यम से उसकी देखभाल भी कर सकती हैं और अपनी योग्यताएं और बढ़ा भी सकती हैं।

    • अगर आप शुरुआती तौर पर अपनी बेबी केयर सेंटर के लिए बच्चे नहीं ढूंढ पा रही हैं तो आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों की मदद भी ले सकती हैं। आप अपने जानने वालों को अच्छी छूट देकर उनके बच्चों से अपने क्रेच की शुरुआत कर सकती हैं।

    • अगर आपके आस-पास कोई प्रीस्कूल है तो आप वहां पर भी बात कर सकती हैं। आप स्कूल वालों से मीटिंग करके अपने व्यापार को उनके साथ जोड़ सकती हैं। जब स्कूल की तरफ से बच्चों के माता-पिता को कोई सुझाव दिया जाता है तो वे उस पर थोड़ा ज्यादा ध्यान देते हैं।



    बेबी सिटिंग का व्यापार के लिए आवश्यक योग्यता (Skill Required for Baby Sitting Business) –

    किसी भी व्यापार को चलाने के लिए व्यक्ति में कुछ विशेष योग्यताएं होना आवश्यक है. उसी प्रकार से इस व्यापार को चलाने के लिए भी आपमे कुछ योग्यताएं होना आवश्यक है. यह व्यापार देखने में भले ही बहुत ही आसान सा लगे, पर इसमें आप बहुत छोटे बच्चों के साथ डील करते है, इसलिए आपको इसमें विशेष सतर्कता रखने की आवश्यकता है. लोग अपने बच्चों को लेकर बहुत ही सेंसेटिव होते है, इसलिए इस व्यापार में कोई भी गलती की गुंजाइश भी ना के बराबर ही अपेक्षित की जाती है. इस व्यापार को चलाने के लिए आपमें निम्न योग्यता होना अनिवार्य है –


    बच्चों के विकास का ज्ञान – इस व्यापार में आपको अलग-अलग उम्र के बच्चों को संभालना होता है और हर उम्र के बच्चे की उम्मीदे अलग-अलग होती है. इसलिए आपको बच्चों के स्वभाव का अध्यन कर उनके हिसाब से नीति तैयार करनी होगी, ताकि आप उन्हे अच्छे से संभाल पाएं और उनके अभिवावकों की उम्मीद पर खरा उतर पाए.



    बच्चों को कैसे रिझाएं – इस व्यापार में आप बच्चों के दिन का एक बहुत बड़ा समय उनके साथ व्यतित करते है, इसलिए आपमें बच्चों को रिझाने की, उन्हे किसी काम में व्यस्त रखने की और उनका मनोरंजन करने की योग्यता होना आवश्यक है. इस व्यापार को शुरू करने से पहले आपको बच्चों के साथ खेलने की, उन्हे कहानियाँ पढ़कर सुनाने की और उनके साथ अन्य गतिविधियां करने की आदत डाल लेनी चाहिए.



    बीमार बच्चों की देखभाल करने की योग्यता – जब बच्चे बीमार होते है, तो उनका विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता होती है. और साल में कभी ना कभी ऐसे दिन अवश्य आते है, जब आपको ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़े. इसलिए आपको इसके लिए तैयार रहना चाहिए.



    अनुशासन – बच्चों की भावनाओं को समझना, उनके स्वभाव और भावनाओं को नियंत्रित करना और उन्हे सही और गलत के बीच भेद बताना बेहद ही कठिन काम है. और अगर आप ऐसा करने में कामयाब होते है, तो आप प्रशंसा के पात्र बनते है, जो आपके व्यापार और आपको एक अलग पहचान प्रदान करता है.



    अनपेक्षित स्वभाव और घटनाओ से निपटने की तैयारी – इस व्यापार में आपको कभी भी किसी भी प्रकार की घटना जैसे बच्चों की अजीब सी जिद, उनका आपस में लड़ाई करना, उनका किसी बात को ना मानना, उनका खाना ना खाना आदि का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए आपको इन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए.



    बाल प्रोत्साहन और नेतृत्व की क्षमता – आपको हर एक बच्चे को प्रोत्साहित करने के लिए एक अलग प्रकार की रणनीति सोचनी होगी. आपको उन्हे बताना होगा, कि उन्हे ये काम क्यों करना चाहिए, तभी वे आपसे सहमत होंगे. आपको उनमें किसी भी चीज को लेकर विश्वास जगाना होगा, उन्हे उदाहरण से बात समझानी होगी, तभी वे आपकी बात को समझकर उसे मानेंगे.



    वित्तीय नियंत्रण – जब आप छोटे स्तर पर इस व्यापार को करते है, तो इसमें आने वाले पैसो को भी आपको स्वयं नियंत्रित करना होगा. इसलिए आप में हिसाब किताब और आय व्यय का नियंत्रण करने से संबंधित योग्यता होना अनिवार्य है.



    धीरज रखने और समस्याओं को हल करने की क्षमता – कभी-कभी बच्चे आपको परेशान कर देते है और आप स्वयं भी परिस्थिति से खीजने लगते है, ऐसे में आपको धीरज से काम लेने की आवश्यकता होती है, ताकि आप कोई गलत निर्णय ना लेले. बच्चों के साथ आप कई बार ऐसी परिस्थिति में फस जाते है, कि निर्णय लेना मुश्किल हो जाता है, परंतु आपको समस्या को हल कर निर्णय निकालना आना चाहिए. तभी आप अपनी रोजाना की समस्याओं से निपट पाएंगे.


    इसके अलावा भी आपको इस व्यापार में कई समस्याओं से झुंझना पड़ सकता है, इसलिए आपको स्वयं को हर परिस्थिति के लिए तैयार रखना आवश्यक है.




    बेबी सिटिंग के लिए बच्चों की अलग-अलग उम्र (Baby Sitting Different Ages )–

    आपके पास बेबी सिटिंग के व्यापार में अलग-अलग उम्र के बच्चे संभालने के लिए आते है. ऐसे में आपको बड़े बच्चों की तुलना में छोटे बच्चों पर अधिक ध्यान देना पढ़ता है, उन्हे एक अलग देखभाल की जरूरत होती है. इसलिए आपके लिए इन बच्चों को उम्र के हिसाब से ग्रुप्स में बाटना और इस हिसाब से अपनी रणनीति तैयार करना आसान होता है.


    आप बहुत छोटे बच्चों, स्कूल जाने वाले बच्चे और स्कूल ना जाने वाले बच्चे और बड़े बच्चे इस हिसाब से अलग अलग ग्रुप बनाकर उस हिसाब से अपनी रणनीति तैयार कर सकते है.



    बेबी सिटिंग व्यापार के लिए जरूरत की चीजें (Things Needed for Baby Sitting Business) –

    इस व्यापार के लिए भी आपको पहले से कई सारे प्रबंध करने होंगे, जिससे आपको बाद में दिक्कत ना आए. इस व्यापार में लगने वाली आवश्यक चीजें निम्न है.


    बच्चों के झूले – अगर आप बहुत छोटे बच्चों को भी अपने यहाँ सिटिंग देने वाले है, तो आपको उन्हे सुलाने के लिए झूले का प्रबंध करना पड़ेगा. क्योंकि बच्चे झूले में आसानी से सो जाते है, इसलिए इससे आपको उन्हे सुलाना और संभालना आसान होगा.



    बच्चों को रिझाने की चीजें – क्योंकि बच्चे बहुत बड़ा टाइम आपके यहाँ बिताते है, इसलिए आपको इन्हे रिझाने के लिए खिलौने, उनके टाइम पास के लिए सामान जैसे ड्राइंग बूक, अलग-अलग गेम, टीवी, पढ़ने के लिए कहानी की किताबें आदि का प्रबंध भी करना होगा.



    बच्चों के सोने का इंतजाम – कुछ बच्चों को दिन में सोने कि आदत भी होती है, इसलिए आपको इसका भी उचित प्रबंध करना होगा, ताकि बच्चे बिना किसी असुविधा के आराम से सो पाए.



    बच्चों के खाने का इंतजाम – अगर आप अपने यहाँ बच्चों को खाना या नाश्ता भी देते है, तो आपको इसे बनाने और परोसने के लिए भी सामान जुटाना होगा. और यही नहीं आपको इनकी साफ-सफाई कि भी उचित देखभाल करनी होगी.



    बेबी सिटिंग व्यापार के लिए निवेश (Startup Cost or investment for Baby Sitting Business) –

    यह एक बहुत ही छोटे स्तर पर शुरू किया जा सकने वाला व्यापार है. आप चाहे तो इसे अपने घर से ही शुरू कर सकते है या आप चाहें तो किराये से स्थान लेकर भी इसे शुरू कर सकते है. इसके अलावा आप पहले सीमित संसाधनों में इसे शुरू करके और समय के साथ व्यापार बढ्ने पर संसाधन बड़ा भी सकते है, ताकि शुरुआत में आप पर ज्यादा वजन ना आए. इसलिए शुरुआत में बेहद ही छोटे स्तर पर आप मात्र 50,000 रुपय खर्च करके इस व्यापार को शुरू कर सकते है.



    बेबी सिटिंग व्यापार के लिए रजिस्ट्रेशन एवं लाईसेंस (Registration and License for Baby Sitting Business) – 

    इस व्यापार को चलाने के लिए आपको निम्न लाइसेंस कि आवश्यकता होगी-


    बिज़नस लाइसेंस – वैसे तो समान्यतः कई प्रकार के बिज़नस लाइसेंस होते है. इनमे से कुछ पर्टिकुलर शहर के अंतर्गत लगने वाले लाइसेंस, काउंटी लाइसेंस और राज्य सरकार लाइसेंस आते है. यदि आपके पास काउंटी लाइसेंस है, तो यह उस काउंटी के अंतर्गत आने वाले किसी भी शहर में मान्य होगा. राज्य लाइसेंसिंग उन उन व्यवसायों को नियंत्रित करता है, जो किसी भी तरीके से राज्य सरकार के कानून द्वारा शासित होते है.



    लोकल अथॉरिटी रजिस्ट्रेशन – अगर आप अपने स्वयं के घर से यह व्यवसाय शुरू करते है तो आपको अपने लोकल अथॉरिटी से कुछ लाइसेंस लेने होंगे. इसके लिए हो सकता है कि वे लोग आपके स्थान का निरीक्षण कर सुरक्षा और सफाई के इंतजामों को चेक करे और फिर आपको मान्यता प्रदान करें.



    फ्रैंचाइजी के द्वारा बेबी सिटिंग का व्यापार (Franchise in Baby Sitting Business )–

    अगर आप यह बिज़नस शुरू करना चाहते है और आप रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के चक्कर में नहीं पढ़ना चाहते, तो फ्रैंचाइजी आपके लिए सबसे बेहतरीन ऑपशन होगा. इस व्यापार के भारत में उपलब्ध कुछ फ़ेमस फ्रैंचाइजी की लिस्ट इस प्रकार से है –


    • लिटिल जीनियस प्रीस्कूल एंड चाइल्ड केयर सेंटर

    • एक्टिविटी सेंटर्स (डे केयर, Creches)

    • किड्स केयर

    • राइसिंग स्टार डे केयर एंड एक्टिविटी सेंटर

    • किंडर गार्डन प्री स्कूल एंड डे केयर


    अगर आप इस व्यापार को फ्रैंचाइजी के द्वारा शुरू करना चाहते है, तो आपको इनके नियमों का पालन करना पड़ेगा और इनके अनुसार इनवेस्टमेंट भी करना होगा. परंतु आपको इससे फायदा यह होगा, कि आपके साथ आपके व्यापार की शुरुआत में ही एक ब्रांडनेम जुड़ जाएगा.



    मार्केटिंग (Marketing) –  

    किसी भी व्यापार के लिए मार्केटिंग बहुत ही आवश्यक है, परंतु हर व्यापार में अलग अलग मार्केटिंग के तरीके कारगर है. इस व्यापार में काम करने वाले मार्केटिंग के तरीके निम्न होंगे.


    माउथ पब्लिसिटी – इस प्रकार के व्यापार में माउथ पब्लिसिटी बहुत ही कारगर साबित होती है, इसलिए आपको अपने दोस्त रिश्तेदारों और आस पास के लोगों को अपने नए बिज़नस के बारे में बताना चाहिए. इससे वे आगे अपने जानने वालों से आपके व्यापार के बारे में चर्चा करेंगे और आपके व्यापार का प्रमोशन बिना किसी खर्चे के होगा.



    एडवर्टाइजिंग – लोकल न्यूज़ पेपर और टीवी चैनल में एड देना मार्केटिंग का बहुत ही अच्छा तरीका है। वैसे तो आप साल में कभी भी अपना एड दे सकतें है परंतु यदि आप गर्मियों में या सीजन के स्टार्ट में एड देंगे तो यह अच्छा तरीका होगा. इसके अलावा आप समय समय पर अपने सेंटर की एक्टिविटी को भी पेपर में पब्लिश करवा के प्रमोशन कर सकते है.



    कस्टमर रिलेशनशिप – यह आज के समय में मार्केटिंग का सबसे अच्छा और सस्ता तरीका है. इसमें आपको केवल विभिन्न तरीकों से अपने कस्टमर्स को अट्रैक्ट करना होता है और आपके कस्टमर आपकी गुड इमेज को आगे मार्केट तक पंहुचाते है.



    अपनी वैबसाइट बनाए – आजकल कोई भी व्यक्ति अपनी किसी भी आवश्यकता के लिए सर्वप्रथम ऑनलाइन ही जाता है. इसलिए अपनी वैबसाइट बनाकर उसका प्रमोशन करना आपके कस्टमर की संख्या को बढ़ा देगा.



    ऑनलाइन एड और सोशल मीडिया प्रमोशन – आप चाहें तो एसी किसी भी साइट जो चीजें खरीदने और बेचने का व्यापार करती है वहाँ अपना एड पब्लिश कर सकतें है, जिससे उन साइटस पर आने वाले कस्टमर इस एड पर क्लिक करके आपके व्यापार के बारें में जान पाएंगे.

    इसके अलावा आप अपने विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट पर भी अपने व्यापार का प्रमोशन कर सकतें है और अपने दोस्तो और रिश्तेदारों को भी इसे शेयर करने का बोल सकते है जिससे आपके बिज़नस के बारे में अन्य लोग भी जानेंगे.




    जोखिम और चेतावनी (Risk and Warning) –

    हर व्यापार में किसी न किसी प्रकार का जोखिम होता है और आपको सफलता के लिए वह जोखिम उठाना ही पढ़ता है. इस व्यापार में आने वाले जोखिम निम्न है –


    • क्योंकि आप बहुत छोटे बच्चों की ज़िम्मेदारी अपने उपर ले रहें है, इसलिए आपको उनकी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखना होगा. आपको अपने घरो में ऐसे प्लग जो नीचे हो उन्हे बंद करना होगा, इसके अलावा यदि आपके घर में कहीं सीढ़िया हो, तो आपको उस स्थान पर बच्चों का विशेष ध्यान रखना होगा.

    • अगर आपके घर में किसी व्यक्ति की या किसी बच्चे कि तबीयत खराब हो, तो ऐसे में अन्य बच्चों को इनसे दूर रखना होगा, क्योंकि बच्चों में इन्फ़ैकशन बहुत जल्दी फैलता है.

    • अगर बच्चों को लेने और घर छोड़ने की ज़िम्मेदारी भी आपने ली है, तो आपको इस वक़्त भी बहुत ही सावधानी से काम लेना होगा.

    • अगर आप अपने यहां बच्चों को खाने कि सुविधा भी देते है, तो आपको खाना बनाने और उसे परोसने में भी विशेष सावधानी बरतनी होगी. इसके अलावा यदि किसी बच्चे को किसी चीज खाने से एलर्जी है, कौन क्या नहीं खाता आपको इस बात का भी बहोत ध्यान रखना होगा.

    • इसके अलावा आपको अपने स्थान पर साफ सफाई और अपने यहां काम करने वालों के व्यवहार का भी विशेष ध्यान देना होगा. वरना आपका लाइसेंस भी रद्द हो सकता है.



    इस बेबी सिटिंग का व्यापार बहुत ही ज़िम्मेदारी का काम है और अगर आप यह ज़िम्मेदारी अपने कंधो पर लेने के लिए तैयार हो तब ही यह व्यापार आपके लिए है.



    FAQ

    डे केयर सेण्टर कैसे शुरू करें (How to Start a Day Care Center in India)

    1. अच्छी लोकेशन का चुनाव करें ...

    2. पर्याप्त जगह एवं इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रबंध करें ...

    3. लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन प्राप्त करें : ...

    4. मार्केटिंग करें (Promote your Day Care Business)


    बेबीसिटिंग कैसे करते हैं?

    बच्चों को रिझाने की चीजें – बच्चे आपके साथ ज्यादा टाइम बिताने वाले है इसलिए उनको आपको एक दम घर के जैसा माहौल देना होगा। इन्हे रिझाने के लिए खिलौने, उनके टाइम पास के लिए सामान जैसे ड्राइंग बूक, अलग-अलग गेम, टीवी, पढ़ने के लिए कहानी की किताबें आदि का प्रबंध भी करना होगा.


    डे केयर सेंटर क्या होता है?

    डे केयर सेंटर एक बेहतरीन जगह है, जहाँ बच्चे दूसरे बच्चों से मिलते हैं, जिनमें कुछ बच्चे हम उम्र होते हैं और कुछ बच्चे बड़े या छोटे भी होते हैं। आपका बच्चा उनसे हर दिन मिलता है, जिससे उसमें सामाजिक गुणों का विकास होने में मदद मिलती है। बच्चा दोस्त बनाने की कला को भी समझता और सीखता है।


    बेबी सीटर क्या है?

    बच्चों के विकास का ज्ञान – इस व्यापार में आपको अलग-अलग उम्र के बच्चों को संभालना होता है और हर उम्र के बच्चे की उम्मीदे अलग-अलग होती है. इसलिए आपको बच्चों के स्वभाव का अध्यन कर उनके हिसाब से नीति तैयार करनी होगी, ताकि आप उन्हे अच्छे से संभाल पाएं और उनके अभिवावकों की उम्मीद पर खरा उतर पाए.

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